
इम्तेहानों की एक एक घडी सदियों सी लगती है ....जल्दी ही 11th May, 2010 से मेरे एम.कॉम फोर्थ सेमिस्टर के पेपर शुरू हो जायेंगे...और इसमें कोई संदेह नहीं कि यह परीक्षा मेरे करियर का मिल का पत्थर साबित होंगी....समंदर सा सिलेबस और इतना गहरा ज्ञान पढकर मैं तैयार हो रही हू हर दिन उस घडी का सामना करने जब मेरे सामने क्वेश्चन पेपर होंगा और मैं लिख रही हूंगी.....
यह तो हुयी आम बात...लेकिन कई दिनों से एक अजीब दुविधा मे हू....कुछ हैरान तो ज़रा ज़रा परेशान भी....
परेशानी का कारण भी अपने आप मे निराला है कि मुझे खुद पर ही हंसी आ रही है लिखते हुए...लेकिन ऐसा गत चार पांच दिनों से मेरे साथ हो रहा है....
असल मे अजीब अजीब सपने आ रहे है मुझे पिछले कूच दिनों से.....काफी अवसादित महसूस करती हू उन्हें देखकर और फिर सारी रात किताबे लेकर बिना सोये ही बिताती हू.....
कुछ दिनों पहले मैं अपनी पढाई खत्म कर रात एक बजे के करीब सोने चली गयी काफी थक सी गयी थी उस दिन पढ़ पढ़ के....
स्वप्न नंबर 1-
उसी रात मैंने सपने मे खुदको एक भीड़-भाड़ भरी सड़क पर पाया मैं घडी देख रही हू नौ बजे पेपर शुरू होने को है और सवा नौ बजे मैं रास्ते पे खड़ी सोच रही हू कि मेरे सामने जो इमारत है कल तक तो मेरा एक्साम सेंटर यही हुवा करता था...आज ना जाने कहाँ गयाब हो गया?...डर के मारे स्वप्न मे ही मेरी साँसे चल रही है और पसीना भी छूट रहा है....
हडबडाकर नींद से उठी तो मैं सचमुच पसीने से लथपथ थी.....फिर तसल्ली हुयी कि शुक्र है यह महज एक सपना था...
स्वप्न नंबर 2-
दूसरे दिन फिर मैं पढाई खत्म कर ठीक समय पर सो गयी....आज कि रात एक और सिर फिरा सपना आया... मैं अपने क्लास रूम मे बैठी पेपर शुरू होने का इंतज़ार कर रही हू....एक्सामिनर सर पेपर देकर जाते है...और मैं प्रश्न पत्र पर एक नज़र डालती हू.... और जब लिखने के लिए पेन उठाती हू तो पता चलता है कि वक्त खत्म हो गया है अब पेपर नहीं लिख सकते.....
स्वप्न नुम्बर 3-
दो दिनों पहले एक और मिला जुला स्वप्न देखा .......इस बार मैंने देखा कि सुबह नौ बजे के पेपर के लिए मैंने छः बजे का अलाराम लगाया है और मैं इतनी देर तक सोती ही रह गयी हू कि शाम के छः बजे उठी हू...और अब पता चलता है कि आज का पेपर सीधे एक साल बाद ही देना होंगा...मैं फ़ैल हो गयी.....
मेरे शिक्षकों ने मुझे कभी नकारात्मक तरीके से सोचना सिखाया ही नहीं.....और ये ऐसे स्वप्न आते है तो भला कौन निराश ना हो....फिर भी मैं अनदेखा कर के अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे रही हू पूरी ताकत से.....
पहले सोचा बड़े भाई साहब से शेयर करू यह बात .....फिर लगा कि वे फ़िक्र करने लगेंगे....उफ्फ्फ!! स्वप्न ही तो है.....मैं भी क्यों टेंशन लू....
कूछ सायकायट्रिस्ट मित्र है जिनके सामने ये दुविधा रखी जनाब कहते है...तुम्हारी नींद पूरी नहीं हो रही है...एक गोली देता हू लिखकर खा कर घोड़े बेचकर सो जाओ....(एक्साम्स के दिनों मे सोऊ कभी नहीं..)...
फिर अपनी सबसे विश्वसनीय और मार्गदर्शक सहेली रीया दीदी के सामने ये बात रखी तो उन्होंने कहा कि यह शिकायत अक्सर देखि जाती है और यह 60% तक common है....किसी नए काम को शूरु करने से पूर्व या किसी बड़े इम्तिहान मे जाने से पूर्व अक्सर ऐसा कईयों के साथ होता ही है....
लेकिन मेरा सवाल तो सवाल ही बनकर रह गया ना....आखिर क्यों आते है यह फेंटसी सपने....इन्हें और कोई काम धाम नहीं है क्या....मुझे ही क्यों आते है भला???....
grrrrrrrrrrr...........
यह सपना बस इतनी सी बात को लेकर है की छाया ने आज-तक जितनी सफलताएं प्राप्त की है
ReplyDeleteवह बस हँसते-खेलते ,मेरा मतलब की उसकी अहमियत होते हुए भी उसको बिलकुल ही सहज
तरीके से लिया , बस यह मास्टर डिग्री ने दिमाग में इतना भर दिया की यह सफलता मेरे
कैरियर के लिए बहुत उपयोगी और जरुरी है ,अब दिमाग में यह घूम रहा है की कब और कितनी जल्दी
इसका रिजल्ट आ जाये और मै यानि दिमाग फ्री ,
यह आम बात है छाया जी ,मैट्रिक के परीक्षा के समय अक्सर ऐसा होते रहता है ,बस वही चीज
एम. ए. के समय हो रहा है ,इसके होने न होने से कोई मतलब नहीं ,
यह स्वाभाविक है , इस सपने के बारे में सोचने तक की आवश्यकता नहीं
छाया एम.ए. करेगी तो सिर्फ प्रथम श्रेणी ही नहीं बल्कि वह अपने यूनिवर्सिटी में स्थान पायेगी
सपने सच हो छाया आपके...आप हर मुकाम पर श्रेष्ठता से कामयाब हो इसी शुभकामनाओ के साथ... जय हो
ReplyDeletechinat nahi karne ka sis...All is well....Vijayi bhav...:)
ReplyDeleteAll the very best n Blessings !!!!
My best wishes with you !
ReplyDeleteit all depends on your FOCUS
Energy flows where attention goes
you will get all best things of life.....
रोचक रिपोर्ताज ।
ReplyDeleteye gapp h ya sach!
ReplyDeletedreams are dreams. If they will be true one day then how will u stop dreaming? The scretist was right. It was due to tiredness which u have to gain in ur life. Lack of sleep.
ReplyDeleteAapke question ka answer "Interpretation of Dreams" by Sigmund frued se mil sakta hai.... aapka dream hai interesting. :-)
ReplyDeleteNice Blog
ReplyDeleteYour Blog is Really Very Inspiring
Great Work Keep it up.......
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