Monday, March 29, 2010

~मन~

"इंसान और पुर्जों (machine) में बस इतना ही तो फर्क होता है .........
कि इंसान के पास ज़हन होता है....
उड़ भी गए अगर दूजे आसमां पर .....
फिर भी अटका कही किसीमे किसीका मन होता है...."

10 comments:

  1. hmmm laga studies main man sis .God Bless!

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  2. उड़ भी गए अगर दूजे आसमां पर .....
    फिर भी अटका कही किसीमे किसीका मन होता है


    बहुत प्यारा लिखा है...
    तर्वीर भी बहुत सुन्दर है....



    मगर...
    सबसे पहले कमेन्ट पर सबसे ज्यादा गौर करो बेटा...



    hmmm laga studies main man sis .God Bless!


    आशीर्वाद....

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  3. तस्वीर ....भी बहुत सुन्दर है...

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  4. लाजवाब तस्वीर है...

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  5. @Manuji...जी हुजुर....ऊपर जो सबसे पहला कमेन्ट लिखा है उसपे गौर कर रही हू....क्यूंकि मैं जानती हू कि अगर मैं नहीं मानूंगी तो "सेहर दी" कब "कहर दी" बन जाएँगी पता तक नहीं चलेंगा....:P
    हाहाहाहा आपका भी बहुत बहुत शुक्रिया मेरी फ़िक्र करने का....

    @रजत जी....शुक्रिया जी....

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  6. Atka kisi mein kisi ka man hota hai.....
    Hmmmmmmm.......
    Can't resist the temptation to preach:
    Man atkao padhai mein!
    Ha ha ha....
    God(dess) Bless!

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  7. हाहाहा.....सही कहा आपने आशीष जी....इस मुर्ख मं को अब पढ़ाई मे ही अटकाने का भरसक प्रयास कर रही हू...
    शुक्रिया आपका....

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  8. pyari chhaya ka bhola mun kalpanaon ke lok se yun hi moti dhoodh laye!
    sabdon ki mashaal se roshan kare jahaan ko..
    chhandon ki garima ushe yun hi sada lubhaye!!

    keep writing !!!!!!!!!!
    subhkamnayen.....
    @nupama

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  9. @Anupama di....आपके इस स्नेह से मैं ओतप्रोत हु.....आपको बहुत बहुत शुक्रिया लेकिन साहित्य की दुनिया से मैं अब कोसो दूर हु...यह भी आज उतना ही सत्य है...

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